
यह तस्वीर राजधानी से सटे चौरसागौनी की है। विधानसभा में आने वाले इस गांव के 20 बच्चों को छठवीं से आठवीं तक की पढ़ाई के लिए करीब 30 फीट का नाला पार कर डोबरा के सरकारी स्कूल जाना पड़ता है। गांव वालों ने पेड़ काटकर नाले पर डाल दिया है, ताकि पुल की कमी पूरी हो सके और बच्चे स्कूल जा सकें। चौरसागौनी डोबरा के बीच की दूरी सिर्फ तीन किलोमीटर है, लेकिन स्कूल पहुंचने में बच्चों को एक घंटे का वक्त लगता है। वजह, नाले पर पुलिया होना।
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