चंबलसेंचुरी में अटेर घाट पर रविवार को 15 नन्हे घड़ियाल और 10 वाटागुर कछुए छोड़े गए। इस पूरी साल में 121 घड़ियाल नदी में छोड़े जाएंगे। इसकी शुरूआत भिंड से की गई है। घड़ियाल की पूंछ में सेंचुरी के ऑफिसर्स ने टैग भी लगाए हैं, ताकि उनकी लगातार मॉनीटरिंग हो सके।

सेंचुरी के रेंजर डॉ. ऋषिकेश शर्मा रविवार को जिले के अटेर घाट पर घड़ियाल और कछुओं को मुरैना के देवरी प्रजनन केंद्र से लेकर आए। इन घड़ियाल का जन्म जून 2011 में हुआ था। इनकी लंबाई 1.2 मीटर है। इसके अलावा विलुप्त होती वाटागुर प्रजाति के कछुओं का जन्म वर्ष 2013 में हुआ है। इन सभी को अटेर घाट पर नदी के स्वच्छ पानी में छोड़ा गया। इससे पहले इन सभी जलीय जीवों का वेटनरी डॉक्टर से परीक्षण भी कराया गया, जिसमें सभी स्वस्थ पाए गए।

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